Brinda asks tribals to fight for their rights

“Struggles have become inevitable,” she said and threatened to intensify agitation against GO Ms. No. 97 authorising the AP Mineral Development Corporation to mine bauxite ore from Sapparla and other blocks on the Andhra-Odisha border. “We will not allow others to lay their hands on natural resources over which only tribal people have the right come what may,” she declared. Read more

Courtesy: The Hindu

आदिवासी जन परिषद का छह सूत्री प्रस्ताव पारित

रांची : आदिवासी जन परिषद की बैठक रविवार को करमटोली कार्यालय में हुई। अध्यक्षता प्रेम शाही मुंडा और संचालन कमलनाथ मांझी ने किया। बैठक में वर्तमान राज्य की राजनीतिक व सामाजिक परिस्थिति सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक, ट्राइबल सब-प्लान, समता जजमेंट, पांचवीं अनुसूची पर चर्चा हुई। इस दौरान जन परिषद का छह सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया। इसमें परिषद का 13 मई को सीएनटी-एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक के विरोध में राजभवन मार्च करने, सरकार की किसान विरोधी नीतियों का विरोध करने, शतप्रतिशत अनुदान पर ट्राइबल सब-प्लान के तहत किसानों की योजना लागू करने, पांचवीं अनुसूची क्षेत्रों में आदिवासी स्वशासन लागू करने, रांची महानगर में आदिवासियों की जमीन पर अविलंब सर्वे करने, आदिवासियों को खनन पट्टा देने के लिए राज्य सरकार समता जजमेंट के आधार पर कानून बनाने सहित अन्य प्रस्ताव शामिल हैं। प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि आदिवासी जन परिषद, पारंपरिक संगठन, पड़हा व्यवस्था, मांझी परगनैत, डोकलो-सोहोर, मानकी-मुंडा की आदिकाल से चली आ रही पारंपरिक व्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए गांव-गांव में बैठकें आयोजित करेगी। साथ ही आदिवासियों के विकास कार्यो के लिए शतप्रतिशत अनुदान लागू करने के लिए आंदोलन छेड़ेगी। मौके पर श्याम चंद्र मुंडा, जय सिंह, प्रेम पाहन, श्रवण लोहरा, सिंकदर मुंडा, संदीप सोन तिर्की, राजेश कुजूर, राइमनी मुंडा, सुरेश मुंडा, श्रीनाथ मुंडा, रंजीत मुंडा, बंटी भुटकुंवर सहित अन्य शामिल थे।

Courtesy: Dainik Jagran

Protecting the Tribal Rights

The word ‘Tribe’ denotes a group of people living in fixed territory.  These tribes are a social group living in a fixed territory having no such specialisation of functions and the people living inthese social groups are known as tribes or tribal people. Tribes also have several sub groups and collectively they are known primitive and ruthless conditions. As ‘Tribal Society’. Tribes are the inhabitants of forests since pre history and even in this modern world this trend is followed by many people. Read more

Courtesy: The Hansh India

Protecting the rights of tribals

Recently, Ras Al Khaimah Investment Authority (RAKIA), an Emirati investor, initiated an investment treaty arbitration (ITA) claim against India under the India-UAE Bilateral Investment Treaty (BIT), seeking compensation of $44.71 million. This claim arose after a memorandum of understanding (MoU) between Andhra Pradesh and RAKIA to supply bauxite to Anrak Aluminum Limited, in which RAKIA has 13% shareholding, was cancelled, allegedly due to the concerns of the tribal population in those areas. Read more

Courtesy: The Hindu

पारंपरिक हथियारों के साथ ग्रामीणों का प्रदर्शन

रांची : अनुसूचित क्षेत्रों में फर्जी ग्राम सभा द्वारा जमीन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ रविवार को बिरसा चौक के पास आदिवासी बुद्धिजीवी मंच के नेतृत्व में ग्राम प्रधानों ने धरना दिया। धरने में ग्रामीण क्षेत्रों से काफी लोग पारंपरिक हथियारों के साथ आए।

ग्रामीणों ने केंद्रीय कानून पी-पेसा 1996 की धारा 4 एम के आलोक में अनुसूचित क्षेत्रों में अपवादों और उपांतरणों के अधीन कुल सात शक्तियों के साथ विशेष ग्राम सभा स्थापित करने व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पारित समता जजमेंट 1997 के अनुसार आगामी ग्लोबल समिट का आयोजन अनुसूचित जनजातियों के हित में नहीं करने की मांग की।वक्ताओं ने कहा कि अनुसूचित क्षेत्रों में फर्जी ग्राम सभा के द्वारा अनुसूचित जन जातियों की जमीन का अधिग्रहण कर पूंजीपतियों और उद्योगपतियों को हस्तांतरित किया जा रहा है, जबकि पी-पेसा कानून के तहत आज तक ग्राम सभा की स्थापना आज तक नहीं हुई। साथ ही पी-पेसा कानून 1996 और समता जजमेंट 1997 के प्रावधानों का भी उल्लघंन है। फिर भी दोनों कानूनों के प्रावधानों में झारखंड विधानसभा में संशोधन कर दिया गया। जिसके कारण पूरे राज्य में अशांति और सामाजिक आक्रोश उत्पन्न हो गया है। मौके पर मंच के अध्यक्ष पीसी मुर्मू, वाल्टर भेंगरा, हिलारियुस सहित लातेहार, हजारीबाग, खूंटी, सिमडेगा, गुमला, तमाड़, बंदगांव, बेड़ो, कोलेबिरा, तोरपा सहित अन्य क्षेत्रों से आए ग्रामीण सैकड़ों की संख्या में उपस्थित थे।

Courtesy: Dainik Jagran

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